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शनिवार, 1 जनवरी 2011

नव वर्ष


नए वर्ष की नूतन वेला
चीर तिमिर को हुआ सवेरा.

नव पल्लव, नव पुष्प सुगन्धित
करते प्रतिपल मन आह्लादित.

वसुंधरा कलरव से गुंजित
है नवीन अम्बर आच्छादित.

नव दिनकर का नव प्रभात है
नव सरिताएं, नव प्रपात हैं.

नई डोर है मन को थामे
नव आशाएं, नई उड़ानें.

नया साल खुशहाली लाये
हृदयों में आनंद समाये.

मिटें सभी दुःख की रेखाएं
भाग्योदय सत्कर्म कराएँ.